अपनी तन्हाई से दुखी होकर गीतों में मिल जाने की इच्छा बताती एक कविता। अपनी तन्हाई से दुखी होकर गीतों में मिल जाने की इच्छा बताती एक कविता।
तभी हासिल होती है एक राही को मंज़िल तभी हासिल होती है एक राही को मंज़िल। तभी हासिल होती है एक राही को मंज़िल तभी हासिल होती है एक राही को मंज़िल।
वक्त बदलेगा तुम्हारा अपना भी बदलाथा यार। वक्त बदलेगा तुम्हारा अपना भी बदलाथा यार।
मन से, वचन से, कर्म से, वे प्रभु भजन में लीन थे विख्यात ब्रह्मानंद नद के, वे मनोहर मीन मन से, वचन से, कर्म से, वे प्रभु भजन में लीन थे विख्यात ब्रह्मानंद नद के, वे ...
अनमोल नहीं कोई चीज यहां सब समय मूल्य करवाता है। अनमोल नहीं कोई चीज यहां सब समय मूल्य करवाता है।
ना सोचा कभी वो करना है हमें अब ख्वाहिशों को पूरा करने की ज़िद है हमें। ना सोचा कभी वो करना है हमें अब ख्वाहिशों को पूरा करने की ज़िद है हमें।